भारत सरकार ने कश्मीर के सेब (सफरचंद) उत्पादकों के लिए एक नयी योजना का प्रारम्भ किया है, जिसका नाम है स्पेशल मार्किट इंटरवेंशन प्राइस स्कीम (एम आय एस पि)। इस योजना का उद्देश्य सेब उत्पादक, किसान और व्यपारियोंको का मुनाफा बढ़ाना है। योजना के तहत भारत सरकार १२ लाख मेट्रिक टन सेबोकी मुनाफिक दामों पर खरीद करेगी। यह कश्मीर में एक ऐतिहासिक योजना है जिसके तहत कश्मीर में पैदा होने वाले ६०% सेब सीधे उत्पादकों से ख़रीदे जायेंगे।
योजना: | स्पेशल मार्किट इंटरवेंशन प्राइस स्कीम (एम आय एस पि) |
लाभार्थी: | सेब उत्पादक किसान और व्यापारी |
लाख: | मुनाफिक दामों पर सीधे किसानो और मंडियों से सेब की खरीद |
केंद्र शासित प्रदेश: | कश्मीर |
सरकार: | भारत सरकार |
उद्देश्य: सेब उत्पादक किसान और व्यपारियोंका मुनाफा बढ़ाना। योजनसे कश्मीर में सेब उत्पादकोंका मुनाफा २००० करोड़ रुपयोंसे बढ़ेगा।
पात्रता:
- योजना केवल कश्मीर में लागु है।
- कश्मीर के सेब उत्पादक किसान, मंडी ही योजना के लिए अप्लाई कर सकते है।
फायदे:
- मुनाफिक भाव पर सेबोकी खरीद जिससे की किसानो, व्यापारियों का मुनाफा बढे।
- यह खरीद खेतो और मंडियों से सीधे की जाएगी जिससे किसानो को सुविधा होगी।
- पेमेंट सीधे बैंक खातों में ४८ घंटो के अन्दर होगी।
खरीद की अवधि:
- योजना के तहत भारत सरकार ६ महीने सेब ख़रीद करेगा।
- खरीद की शुरुआत: १ सितम्बर २०१९
- खरीद की आखरी तारीख: १ मार्च २०२०
स्पेशल मार्किट इंटरवेंशन प्राइस स्कीम (एम आय एस पि) के महत्वपूर्ण बिंदु:
- एम आय एस पि योजना के लिए ८००० करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
- कृषि और सहकारिता विभाग, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) सफरचंदो की खरीद सीधे उत्पादक किसानो और मंडियों से करेगा।
- सोपोर (बारामूला), परिमपोरा (श्रीनगर), शोपियां और बटेंगो (अनंतनाग) के मंडियों से भी सेबोकि खरीद की जाएगी।
- योजना के सुचारू संचालन के लिए इन मंडियों में आवश्यक सुविधाएं और बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है।
- सरकार राज्य स्तरीय मूल्य निर्धारण समिति का गठन कर रहा है जो सेबोके मूल्य निर्धारित करेगा।
- लाभार्थियों का पेमेंट ४८ घंटो के अन्दर सीधे उनके बैंक एकाउंट्स में किया जायेगा।