भारत देश के रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) ने साक्षी संरक्षण योजना २०१८ को मंजूरी दे दी है। साक्षी संरक्षण योजना २०१८ को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) द्वारा अनुमोदित किया गया है और राज्य और केंद्र सरकारों को इसे लागू करने का निर्देश दिये गये है। इस योजना के माध्यम से गवाहों को सुरक्षा प्रदान की जाएंगी। इस योजना के तहत खतरे की धारणाओं की श्रेणियों की पहचान करना, खतरा विश्लेषण शिकायत की छान-बीन करना पुलिस के प्रमुख द्वारा जैसे गवाह और आरोपी जांच के दौरान आमने-सामने नहीं आने चाहिए यह सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित किया जाएंगा। गवाह का स्थानांतरण, गवाहों को अवगत कराया जाना,गोपनीयता और अभिलेखों के संरक्षण, खर्चों की वसूली आदि सुविधा प्रदान की जाएंगी।
साक्षी संरक्षण योजना के माध्यम से गवाहों की तीन श्रेणियों में पहचान की जाती है:
- मामला १: जहां गवाह या परिवार के सदस्यों को जांच, परीक्षण या उसके बाद भी जान से मारने की धमकी देना।
- मामला २: जहां गवाह या परिवार के सदस्यों को सुरक्षा, प्रतिष्ठा या संपत्ति तक खतरा फैला हुआ है।
- मामला ३: ऐसे मामले बात उत्पीड़न या धमकी तक फैली हुई है गवाह या उसके परिवार के सदस्यों, प्रतिष्ठा या संपत्ति के दौरान जांच, परीक्षण या उसके बाद खतरा है।
साक्षी संरक्षण योजना का उद्देश्य:
- साक्षी संरक्षण योजना के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को संवेदनशील बनाया जाएंगा।
- साल २०१९ के अंत तक गवाह के कमरे और आजु बाजू के परिसर में कैमरे लगाये जाएंगे।
- इस कैमरा की मदत से गवाह को सुरक्षित रखा जाएंगा।
- आरोपियों और गवाह को आमने सामने से आने से रोक ने की सुविधा प्रदान की जाएंगी।
- इस कार्यक्रम पर आने वाला पूरा खर्चा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा स्थापित की जाने वाली निधि से लिया जाएंगा।