मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के आदिवासी परिवारों के लिए मुख्यमंत्री सहायता योजना / चीफ मिनिस्टर असिस्टेंस स्कीम की घोषणा की है। योजना के तहत आदिवासी परिवारों को जन्म-मृत्यु समारोह (भोज) के लिए आर्थिक सहायता की जाएगी। योजना का उद्देश्य आदिवसीयोंको सहुकारोंसे लिए जाने वाले कर्जे से बचाना है। आदिवासी परिवारोंमें जन्म पर भोज समारोह और मृत्यु पर मृत्युभोज समारोह होता है जिसके लिए सहुकारोंसे कर्जा लिया जाता है। अब इस योजना से साथ कर्जे की जरुरत नहीं पड़ेगी।
योजना: | मुख्यमंत्री सहायता योजना / चीफ मिनिस्टर असिस्टेंस स्कीम |
लाभ: | जन्म-मृत्यु समारोह (भोज) के लिए आर्थिक सहायता |
लाभार्थी: | आदिवासी परिवार |
राज्य: | मध्य प्रदेश (एम पी) |
योजना का उद्देश्य:
- आदिवासी परिवारोंको जन्म और मृत्यु पर मदत करना।
- आदिवसीयों को सहुकारोंसे लिए जाने वाले कर्जे से बचाना।
- आदिवसीयों को सन्मान से जीने में मदत करना।
- लाभर्थियोंको ५० किलो गेहू या चावल दिया जायेगा।
पात्रता:
- योजना केवल मध्य प्रदेश में लागु है।
- योजना के सिर्फ मध्य प्रदेश के आदिवासी परिवारों के लिए है।
- आर्थिक सहायता केवल जन्म और मृत्यु पर दी जाती है।
योजना के महत्वपूर्ण बिंदु:
- मध्य प्रदेश राज्य में २१.०९% आदिवासी लोग रहते है।
- योजना राज्य के २० जिलों में आने वाले ८९ ट्राइबल ब्लॉक्स के लिए है।
- राज्य में ४७ विधान सभा सीट्स आदिवासियों के लिए आरक्षित है।
- राज्य में ८०.६७ लाख आदिवासी रहते है।
- योजना राज्य में निन्मलिखित जिलों में लागु की जाएगी: मंडला, डिंडोरी, बालाघाट, शहडोल, अन्नुपुर, उमरिआ, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, धार, खरगोन, खंडवा, भुराणपुर, होशंगाबाद, बैतूल, सीधी, सिओनी, छिंदवाड़ा, शेओपुर